Sunday 24 May 2020

अम्फान तूफान / कवि - जगदीप सिंह मान 'दीप'

कविता 

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अम्फान ने दिखाया तांडव
भय से भीत हुआ है मानव
मौसम विभाग बता रहा
सदी का सबसे भयंकर मंजर
ख़ौफनाक होकर ऊपर उठ रहा समंदर

क्रूर हो गया पारावार
जा पहुँचा घर द्वार
टूटे आशियाने मचा हाहाकार
बेबस जीव करे क्या उपचार?

सनसनाती हवाएंँ
 डूबती नौकाएं
बिलबिलाते बच्चे काँपते गात
अपनों से ही छूट रहे अपनों के ही हाथ

खौफ में मानव बस्तियांँ 
हिल गई बड़ी-बड़ी हस्तियांँ

बर्बरतापूर्ण होकर बढ़ रही लहरें
 गिरफ्त में आ गए गाँव-शहर
जीवन जीना मुहाल हुआ
 मौत सिर पर मंडरा रही आठों पहर
आम जीवन अस्त-व्यस्त
 जान हथेली पर रखकर भाग रहे इधर-उधर

अम्फान का पश्चिमी बंगाल और ओडिशा पर कहर
पल-पल में उगल रहा है ये  अपना जहर

पता नहीं जीवन कब पटरी पर लौटेगा?
पता नहीं प्राकृतिक आपदाएं कब तक खेलती रहेंगी खेल?
क्या ऐसे ही मनुज का निकलता रहेगा तेल?

क्या यही है जीवन सार?
कभी दबदबा होता है कभी होता तार-तार।
.....
कवि - जगदीप सिंह मान "दीप"
परिचय- हिन्दी शिक्षक, राजकीय बाल वरिष्ठ उच्च माध्यमिक विद्यालय, लाडपुर, दिल्ली
शिक्षा निदेशालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, भारत।
ईमेल आईडी- jagdeepmaan1044@gmail.com

कवि जगदीप सिंह मान 'दीप'