Monday 16 November 2020

भाई दूज पर कविता / कवयित्री- मंजु गुप्ता

 कविता


स्नेह, प्रेम, निर्भय, सुरक्षा का भाईदूज महापर्व पर  सभी भाइयों को शुभकामनाएँ !  सभी  भाइयों को लौकिक सुख के साथ अलौकिक सुख मिले।

उन्हें उपहार स्वरूप ये मुक्तक प्रस्तुत हैं-

शैशव का पर्व  संग चलता 

रोली तिलक में प्रेम पलता

दीर्घायु रहे भैया मेरे 

दुआओं का दीप है जलता।1


भाई मेरा तुलसी दल है,

भैयादूज का ये प्रेम-पल है,

तुझ को बहना शीश नवाती ,

संकट में तू ऊर्जा, बल है ।2


संसार के सभी भाइयों को भैयादूज मुबारक


रीति , रिवाजों पे टिके, जगजीवन संसार  ।

मातु सिखाए जन्म से, भातृ-बहन त्यौहार ।।


बचपन हमने संग में,  भैया ! जीया खूब ।

खुशियों की दुनिया मिली, भर मस्ती में डूब।। 


आजा भाई मैं  तिलक, करती तुम को आज ।

पावन रिश्ता प्रेम का,  करता तुझ पर  नाज।।


सदियों से यह रस्म ही, लाती मंगल आस ।

 बहना, भाई  प्रेम की, ताकत अरु विश्वास।। 


मैके जाने के समय, भाई स्वागत  द्वार ।

भाई जैसा है  नहीं, दूजा इस संसार ।।


चक्र खुशी का घूमता , कहते  मंजू ख्बाव 

जीए मेरे भ्रात सब , लाखों बरस जनाब ।

.........


कवयित्री - डॉ मंजु गुप्ता 

पता - वाशी, नवी मुंबई

Monday 2 November 2020

ऑनलाइन कक्षाएँ/ कवयित्री - सुमन यादव

 कविता 

(मुख्य पेज - bejodindia.in / हर 12  घंटे  पर  देखिए -   FB+  Bejod )



वह मुस्कराहट वह हँसी 
वह  धीमी बातों की फुसफुसाहट 
अब ना सुनाई देती है 
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |
वह डस्टर वह चॉक 
वह पुस्तकें वह कापियाँ 
वह पुस्तकालय वह प्रयोगाशाला 
अब ना नजर आते है |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

वह खेल का मैदान 
वह घंटी की आव़ाज 
वह आधी छुट्टी, वह कैंटिन के पकवान 
वह कोलाहल, वह शोरगुल 
अब ना उत्पन्न होते है |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

वह संगीत,वह नृत्य 
वह हस्तकला का कालांश 
वह चित्रकला, वह मानचित्र 
अब अदृश्य से लगते है |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |
वह विद्यालय का परिवेश 
वह चंचलता, वह नटखट पन 
वह मीठे मधुर स्वर 
वह निश्चल सा प्रेम 
अब ना महसूस होते है |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

अब तो नजर आते है 
विद्यार्थीयों के छोटे-छोटे छायाचित्र 
एक चौखट में मानो प्रतिबिंब स्वरुप 
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

वह तमाम तकनीकी यंत्र 
जिनके प्रयोग पर कभी टोका करती थी 
आज उसी के समक्ष उपस्थिति पर जोर देती हूँ |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

वह असावधान से,नटखट बच्चे 
कैमरे के समक्ष, सावधान नज़र आते है |
अभिभावक एवं शिक्षक के बीच 
लाचार नजर आते है |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |
वह तमाम पीपीटी एवं वीडियो 
अनेकानेक शिक्षण विधा ,भाषिक खेल 
कुछ नाकाम नजर आते है | 
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

वह जिज्ञासु बच्चे 
कुछ शांत नजर आते है 
निगाहें नीचे किए 
व्हाट्स अप वेब के आसार नज़र आते है | 
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

प्रश्न पूछने पर क्या कहा ,
सॉरी, नॉट एबल टू हियर ,मे बी सम नेटवर्क प्राब्लम ,
और कभी-कभी लॉगआउट हो जाते है |
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |

विचलित हो, विवश हो 
अपने आप को ही समझाती हूँ 
शिक्षा के क्रम को आगे बढाती हूँ 
क्योंकि अब ऑनलाइन कक्षाएँ चलती हैं |
......
कवयित्री - सुमन यादव 
कवयित्री का ईमेल आईडी - sumankyadav6@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु इस ब्लॉग का ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com