कविताएँ
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1. मेरे घर बया का घोंसला
नन्हें नन्हें नादान परिंदे
मेरे आंगन में मंडराते हैं
पीछे पीछे दौड़े
वे भागमभाग करते हुए
बेलों के नीचे छुप जाते हैं
घीया लौकी तोरी हरे- हरे
ये छुपे हुए इनमें बिना डरे
यहीं है घर इनका अपना
यही रोज ठिकाना हुआ
उड़ना अभी सीख रहे
सब छुपे हैं, पर दीख रहे
आंखें मटका मटकाकर
अपनी ताकत दिखा रहे
प्यारे-प्यारे नन्हें दुलारे
मेरा आंगन महका रहे l
मैंने पूछा मां से - कहां से आए?
मां बोली - यह घर है सबका l
इनका भी घर, तेरा भी घर
सबको प्यारा होता है घर
एक दिन बया आयी थी
तिनके बिनकर कर लायी थी
देखा गौर से मैंने जब
उड़ी नहीं, वह रुकी रही
घर के आले में ठहरी
समेत सारे तिनके
एक घोंसला बनाया
कुछ दिनों बाद देखा
तीन अंडे चमक रहे
नए जीवन की आशा में
हमको कुछ कह रहे
ममता जगा गयी बया
एक कहानी बना गयी,
हे बया फिर से
घर की रौनक बढ़ाओ
आओ बया मेरे घर आओ
आकर घोसला बनाओ l
प्यार बांटते हैं पक्षी
हिलमिल रहते सारे
न कोई झगड़ा
न कोई फसाद करे
जीवन जीने की राह
हमको ये सिखाते
फिर आग आगे आना बया
फिर मेरा घर सजाना बया
चहचाहट प्यारी सुंदर
हम सबको भाती हैं
नन्हें-नन्हें चीजों की अठखेलियां
खुशियां देकर जाती हैं, काश!
हम भी पक्षी बन जाएं
संग इनके घोंसला बनाएं
हम भी पक्षी बन जाएं
संग इनके घोषणा बनाएंl
...
2 बादल
आ रे बादल प्यारे बादल
घनघोर घटा छा रे बादल
सूना पड़ा सारा संसार
जीवन पुकारे बेशुमार l
रिमझिम रिमझिम
बूंदों की ठंडी फुहार
धरा पर बरसा रे बादल l
सूरज की धूप तपती
किसान थका हुआ है
उसके घर झोलीभर
खुशियां बरसा रे बादल l
बैलों के पैर जल रहे हैं
खुर में पड़े घाव भर जा
शीतल धरा को कर जा
आ रे बादल प्यारे बादल l
पेड़ों पर मुरझाए पत्ते
सूखी डाली डाली
तेरी आस लगाए बैठी
कृषकाओं की लाली
इंतजार कर रही, दुल्हन
पिया मिलन की आस
तेरे बरसने को ठहरी
उसको तुझपर विश्वास l
सबका विश्वास, बन
लौट ला होठों की मुस्कान
मृग प्यासे दौड़े भागे
मृगमरीचिका की लालसा
प्राण छीन रही रे बादल l
कहीं प्यासे पपीहे कीर
कहीं भूखे हैं चौपाये
सब पानी पानी रोते
अपना दर्द छुपाये
कौन किसकी सुनता रे बादल l
तू तो सुन, तू सबकी आशा
रिमझिम रिमझिम
बूंदों की ठंडी फुहार
धरा पर बरसा रे बादल l
कवि - हरिराम भार्गव "हिंदी जुड़वाँ "
परिचय - (हिंदी शिक्षक) राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय पूठकलां दिल्ली
शिक्षा निदेशालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
कवि का संयुक्त ईमेल - hindijudwaan@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com