श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष
(मुख्य पेज पर जाइये - bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटों पर देखिए - FB+ Watch)
(मुख्य पेज पर जाइये - bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटों पर देखिए - FB+ Watch)
"कुण्डलिया छंद"
1
बढ़ता है जब-जब यहाँ, अतिशय पापाचार।
हर युग के अनुरूप ही, हुआ कृष्ण अवतार।।
हुआ कृष्ण अवतार, पाप का नाश किया है।
भक्तों को दे त्राण, दुष्ट को दंड दिया है।।
गीता सा सद्ज्ञान, मिला तो जग है पढ़ता।
आते हैं भगवान, पाप जब अतिशय बढ़ता।।
2
गीता में तो है भरा, तत्वज्ञान का सार।
जिससे होता है सुलभ, नर तन का उद्धार।।
नर तन का उद्धार, पार्थ थे मात्र बहाना।
चाह रहे थे कृष्ण, जगत को भिज्ञ कराना।।
त्राहि-त्राहि सर्वत्र, धरा थी जब भयभीता।
देने आये कृष्ण, अलौकिक अनुपम गीता।
...
कवि - बाबा बैद्यनाथ झा
ईमेल - jhababa55@yahoo.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com