राखी और स्वतंत्रता दिवस पर विशेश कविताएँ
मंजु गुप्ता द्वारा स्वतंत्रता दिवस और राखी के अवसर पर बनाई गई राखी |
रक्षाबन्धन का विशेष दिन भावनाओं की श्रावणी बन चाँदनी से ओत - प्रोत हो रहा है -
मैं हूँ राखी का पावन प्यार
श्रावण पूर्णिमा का त्योहार
है भाई - बहन की बुनियाद
मत कर मेरी भ्रूण हत्या माँ
मैं हूँ राखी का पावन प्यार .
मेरे जीने का आवेग ,
करती माँ इजहार
न कर मेरी भ्रूण - हत्या ,
मैं हूँ तेरा प्यार ,
न कर कोख में हत्या माँ
हूँ भाई की ढाल
खत्म न होगा बहन का रिश्ता
सदा रहेगा त्योहार .
राखी से रक्षित बहनें
कहे रेशमी तार
भ्रूण हत्या है अपराध
कन्या ईश उपहार
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करो उनकी याद
देश करा आजाद
करो उनकी याद
देश करा आजाद
हमें किया आबाद
झूल फंदे वे गए
लुटा प्राण वे गए
क्रांतिकारी थे बड़े
वे आजादी को लड़े
करो उनकी याद ।
गाते गीत कहानी
दी भेंट में जवानी
वीर सुखदेव की
भगत से देव की
आज शहीदी पर्व
भारत को है गर्व
काव्य के वे नाद
भारत के वे चाँद ।
आजादी का पर्व हमारा
वीर, बहादुरों की कुर्बानियाँ से
बड़ी मुश्किलों से भारत माँ ने पाया
नयी नस्ल रखना सँभाल के इसे ।
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कवयित्री - मंजु गुप्ता
पता - वाशी, नवी मुम्बई
कवयित्री का ईमेल - writermanju@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com