Tuesday 13 August 2019

आजादी पर मंजु गुप्ता के विचार

सत्यम, शिवम, सुन्दरम पर  अमल  करें और  बुद्ध , गांधी का रास्ता अपनाएं 

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स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर हम अपने देश की महान उपलब्धियों जैसे चंद्रयान के अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण की, महिलाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में जीतने की आदि की तो बात करते ही हैं साथ ही आपसी सौहार्द के बने रहने और पड़ोसियों से संबंधों के बेहतर होने और समाज में सबको सम्मान मिलने की भी कामना करते हैं. सुनिये नई मुम्बई की साहित्यकार मंजु गुप्ता क्या कहती हैं इस विषय में - 




हमारे देश के वीर , बहादुर जवान प्रतिकूल परिस्थितियों  में  आठ पहर दिन - रात बन सीमाओं पर भारत माता की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं। जिससे हम आजादी की साँसें ले कर चैन की नींद  सो सकें और सुरक्षित रहें । उन्हीं के दम पर हम आजादी की साँसें  ले रहे हैं । उसी तरह हमारे देश के नारी लोक में निर्भया, कठुआ, उन्नाव जैसा बलात्कार कांड, यौन शौषण न हो । हर बेटी, माँ, बहन सुरक्षित रहे, न ही लैंगिक भेदभाव, संप्रदायवाद, शराब बंदी, मॉबलिंचिंग, प्रदूषित पर्यावरण, वाहन रफ्तार से  सड़क दुर्घटनाएँ आदि से हर भारतवासी आजादी पाए।

इन सामाजिक विसंगतियों , बुराइयों आजाद होने के  लिए हर परिवार को अपने बच्चों को , सदस्यों को नैतिक मूल्यों के संस्कार देने की शुरुआत करनी होगी । नैतिक दायित्व को हर भारतवासी को अपने अंदर जगा के व्यवहार में लाना होगा। तभी हम इन बुराइयों, मुँह फाड़ती समस्याओं से मुक्त  हो सकेंगे। 

हर इंसान का व्यक्तित्व  सत्यमं, शिवं, सुन्दरम् से चरितार्थ होगा जिससे हम  नयी नस्ल को  मूल्यों के तेज से निर्मित  भारत को सौंप सकें ।  हिंसा, आतंक से बचने के लिए हमें बुद्ध , गाँधी जी का रास्ता अपनाना होगा ।तभी अहिंसा , अमन , प्रेम , खुशहाली का भारत बना सकेंगें . मैं एक शिक्षिका, माँ, लेखिका कवियित्री  होने के नाते इन सकारात्मक मूल्यों, सोच से परिवार, विद्यालय के छात्रों  और समाज को गढ़ा है।

इन नकारात्मक पहलुओं से जब देश आजाद होगा तभी हमारे देश की सच्ची आजादी होगी । जय हिन्द!
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आलेख - डॉ  . मंजु  गुप्ता
पता - वाशी , नवी मुंबई 
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