Sunday 15 September 2019

हिंदी को गले लगाये / कवयित्री - अलका पाण्डेय

हिंदी में सागर समाया

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हिंदी में सागर समाया
हिंदी है सम्पर्क की भाषा
हिंदी में है अपना पन समाया

हिंदी में पिता की छाँव है पाई
हिंदी में माँ की ममता समाई
हिंदी ने विश्व में जगह बनाई

हिंदी है जनमानस की भाषा
मत अपनाओ विदेशी भाषा
 भावप्रधान यह न्यारी भाषा

हिंदी का विदेशो में मान बढ़ाओ
हिंदी को प्यार से गले लगाओ
हिंदी बोलने में तुम मत शर्माओ

हिंदी सिखाये समरसता का भाव
हिंदी देती है संस्कारों की छांव
इसमें भरे है परोपकार का भाव

हिंदी का सब मिलकर मान कराओ
हिंदी का प्रसार प्रचार कराओं
हिंद का तिरंगा सदा ऊँचा उठाओ.
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कवयित्री - अलका पाण्डेय 
कवयित्री का ईमेल -  alkapandey74@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल कीजिए - editorbejodindia@yahoo.com