Thursday 18 June 2020

करके वादा अमन तू , आए नहीं मकान / कवि - ज्वाला सांध्यपुष्प

                                      दोहे                                     

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चित्रकार - नीभा श्रीवास्तव (दुबई)
          

करके वादा अमन तू , आए नहीं मकान।
तेरे बगै़र देख लो, गांव-गली सुनसान।।

गर्व बहुत इस लाल पर, किया बड़ा जो काम।
आहुति दे दी प्राण की, हुआ न कुल बदनाम।।

आंसू देकर आंख में, गए कहां तू लाल।
एक बार तू बोलते, रहता नहीं मलाल।।

लाज बचाकर देश की, तू हो गया शहीद।
पूत ऐसे मिले कहां, लें सब इसे खरीद।।

लोग सभी क्यों  रो रहे, भर आंखों में नीर।
अमन अभी मुस्का रहा, भले दिखे न शरीर।।

भारत मां के पूत थे, अमन सरीखे वीर।
आंधियों में भी अरि-से, अड़े रहे गंभीर।।

अपनी सूरत को जरा, दुष्ट चीन तू देख।
मार-मारकर अमन ने, लिक्खा ऐसा लेख.


लेखक - ज्वाला सान्ध्यपुष्प 
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चित्रकार - नीभा श्रीवास्तव 
चित्रकार का ईमेल आईडी - niva.artist@gmail.com

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