Sunday 27 October 2019

रौशनी का पावन पर्व है / कवि - आनन्द रंजन 'पथिक'

कविता

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रौशनी का पावन पर्व है
किरण खुशियों के बिखेरें
उम्मीदों से लबरेज़ दीये से
सुंदर कल के चित्र उकेरें

मौका लक्ष्मी पूजन का है
तिजोरी को भी साजे सँवारे
फल तो आपकी मेहनत का है
आस्था को पर न कमतर आंकें

श्रीगणेश नवजीवन का है करना 
राह पथरीली सही पग बढाये चलें
दीपावली का पावन त्यौहार है
शुभकामनायें 'पथिक' की स्वीकार लें

ग़म में भी उल्लास खोज लें
उमंगों से उच्छ्वास करें
चाहे कितना भी कठिन समय हो
अपने ईश्वर पर विश्वास करें 
...
कवि - आनंद रंजन 'पथिक'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com

Photo courtesy - Sri Amar Kr. Das

दीपावली का चित्र साभार - स्वरम उपाध्याय के वाल से /
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