Sunday 23 August 2020

क्या मेरा प्यार.. प्यार नही / कवि- दीपक कुमार 'निमेश'

गीत 

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 सबकी खुशी में खुश हूं ना गम़ कोई मुझे मगर
जहां मिले मेरी खुशियां ऐसा कोई बाज़ार नही
झूठ के मोतियों ने सच का धागा छुपा दिया
पहनूं जिंदगी का लिब़ास ऐसा अब संसार नही
मैं भी इंसा हूं, क्या मेरा प्यार.. प्यार नही

कहते है सब, बसा लिया दिल में मुझको
मगर सच तो ये है कि मेरा कोई घर-बार नही
दिखा देते है सब मुझे आईना औक़ात का
क्योंकि मेरे पास बहते अश्कों का भंडार नही
मगर मैं भी इंसा हूं, क्या मेरा प्यार.. प्यार नही।

समेट लिया खुद में ही एहसास-ए-अरमां को
अब तोड़ेगा दिल को कोई हर बार नही
गालिब़, दाग़, फाज़ली, कैफ़ी और मीर क्या
मैं तो बस 'दीपक' हूं कोई गुलज़ार नही
मगर मैं भी इंसा हूं, क्या मेरा प्यार.. प्यार नही।
...
कवि - दीपक कुमार 'निमेश'
कवि का ईमेल आईडी - deepak.br55@gmail.com
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