कविताएँ
(मुख्य पेज - bejodindia.in / ब्लॉग में शामिल हों / हर 12 घंटे पर देखिए - FB+ Bejod / यहाँ कमेन्ट कीजिए)
वो देखो लहराया तिरंगा
बड़े आन से फहराया तिरंगा
बडे़ जतन से रणबांकुरों ने
आजादी का स्वप्न था देखा
हंसते गाते चढ़े सूली पर
जान गंवा लहराया तिरंगा।
लक्ष्मी बाई चढ़ी अश्व पर
बांध शिशु को खेली आन पर
धर काली सा रूप विकराल
वारेन समक्ष बनी थी काल
प्राण गंवा लहराया तिरंगा।
रखें सदा भारत की शान
कभी न हो माँ का अपमान
देश की रक्षा अपना मान
वीर भगत की शहादत की आन
विश्व भर में लहराया तिरंगा.
...
वंदेमातरम / सरोज तिवारी
कहता है वंदे मातरम
सुनता है वंदे मातरम
यहाँ राष्ट्र प्रेम के लहू में
बहता है वंदे मातरम
है शांति वंदे मातरम
है युद्ध वंदे मातरम
शत्रु करे चीत्कार
वो चीत्कार वंदे मातरम
पुरस्कार वंदे मातरम
आभार वंदे मातरम
जो आँखें गर्व से उठे
पुकार वंदे मातरम
कहता है वंदे मातरम
सुनता है वंदे मातरम
यहाँ राष्ट्र प्रेम के लहू में
बहता है वंदे मातरम
...
रचनाकार - चंदना दत्त, सरोज तिवारी
प्रतिक्रिया हेतु इस ब्लॉग का ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com
कवयित्री चंदना दत्त अपने पति के साथ |