कविता
नेता था वह देश का नेता
नाम जिसका सुभाष चंद्र
देश की मिट्टी से प्यार हुआ
छोड़ दिया महल चौबारे
त्याग दिया ऐशो आराम
माँ को आज़ाद कराने की मन में ठानी
आज़ाद हिंद फ़ौज खडी कर डाली ।
रण देवी के कदमो में
जा शीष झुकाया
जनता को फिर वचन दिया
मैं तुम्हें आज़ादी दिलवाऊँगा
तुम मुझको अपना लहू देना
यह लेना देना कुछ नहीं
बस एक वादा निभाना है।
हो जाओ मेर देशवासी तैयार
जान पर खेलने को हो तैयार
पहन कर खादी का कपड़ा
करता नहीं था कोई लफड़ा
चलता सीना तान कर
जय हिंद का नारा बोल कर
चेहरे पर मुस्कान सजा कर ।
"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा" नारा देकर
देशवासियो को छोड़ कर
चला गया वो चला गया
माँ की गोद में सो गया
आज़ादी का सपना दे गया
जवानों में जोश भर गया
नेता सुभाष नेता सुभाष ।
......
कवयित्री- अलका पाण्डेय
कवयित्री का ईमेल - alkapandey74@gmail.com
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