Thursday 14 November 2019

अतीत - बाल दिवस (14 नवंबर) पर विशेष कविता

अतीत
बाल दिवस  की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
(यह दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनायस जाता है।)
 (मुख्य पेज पर जाइये -   bejodindia.blogspot.com /  हर 12 घंटों पर देखिए -  FB+ Today) 



अतीत के पन्ने पलटते ही
मेरा बचपन मुस्कुराया
उसने दी फिर मधुर आवाज
जब खेला करते थे दिन-रात
कभी आँख मिचौली का खेल तो
कभी गेंद आसमान में देते थे उछाल
कभी खो-खो कबड्डी में करते थे कमाल
तो कभी चोर - सिपाही बन खुद का मन बहलाया

कैरम में खो जाते थे रानी को घर लाते थे
और न जाने कितने खेलों में रम जाते थे
बिजली गुल हो जाने पर अंताक्षरी का खेल -खेलकर
गीतों को गुनगुनाते थे, डर को दूर भगाते थे
मात-पिता के संग बैठ कर तारों से बतियाते थे

गणित के सारे अंक तारों में नजर आते थे
"चंदा मामा दूर के" मधुर गीत वो गाते थे
भाई -बहन के संग मिल सपनों में खो जाते थे
बीत गए वो दिन सारे, ले लिया रूप अतीत का
पर अब भी खड़ा वहाँ पर मेरा बचपन आवाज दे रहा।
.....
कवयित्री - आभा दवे
कवयित्री का ईमेल - abhaminesh@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com