कविता
स्नेह, प्रेम, निर्भय, सुरक्षा का भाईदूज महापर्व पर सभी भाइयों को शुभकामनाएँ ! सभी भाइयों को लौकिक सुख के साथ अलौकिक सुख मिले।
उन्हें उपहार स्वरूप ये मुक्तक प्रस्तुत हैं-
शैशव का पर्व संग चलता
रोली तिलक में प्रेम पलता
दीर्घायु रहे भैया मेरे
दुआओं का दीप है जलता।1
भाई मेरा तुलसी दल है,
भैयादूज का ये प्रेम-पल है,
तुझ को बहना शीश नवाती ,
संकट में तू ऊर्जा, बल है ।2
संसार के सभी भाइयों को भैयादूज मुबारक
रीति , रिवाजों पे टिके, जगजीवन संसार ।
मातु सिखाए जन्म से, भातृ-बहन त्यौहार ।।
बचपन हमने संग में, भैया ! जीया खूब ।
खुशियों की दुनिया मिली, भर मस्ती में डूब।।
आजा भाई मैं तिलक, करती तुम को आज ।
पावन रिश्ता प्रेम का, करता तुझ पर नाज।।
सदियों से यह रस्म ही, लाती मंगल आस ।
बहना, भाई प्रेम की, ताकत अरु विश्वास।।
मैके जाने के समय, भाई स्वागत द्वार ।
भाई जैसा है नहीं, दूजा इस संसार ।।
चक्र खुशी का घूमता , कहते मंजू ख्बाव
जीए मेरे भ्रात सब , लाखों बरस जनाब ।
.........
कवयित्री - डॉ मंजु गुप्ता
पता - वाशी, नवी मुंबई