(बिहारी धमाका के कार्यकारी सम्पादक के सोशल साइट पर एक सुधी पाठक ने कविता भेजी है-
पोस्ट का लिंक - https://biharidhamaka.blogspot.com/2018/10/blog-post.html
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शहंशाह आलम की अधिकांश कविता में प्रकृति खूबसूरत लबो लहजा में पेश होती है वो
उस जिजीविषा के कवि हैं जहां चिड़िया उड़ कर इंद्रधनुष छू लेती है और एक पहाड़ टूटने
से पहले फिर जन्म ले लेता है .. डॉ जियाउर रहमान जाफ़री
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आपकी लिखी ये रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 09
अक्टूबर 2018
को साझा धन्यवाद!की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा ....
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